सगाई की रिंग कोनसे हाथ में - sagaee kee ring konase haath mein

शादी से पहले सगाई की रस्म निभाई जाती है। इसमें लड़का और लड़की एक-दूसरे के बाएं हाथ की तीसरी उंगली में अंगूठी पहनाते हैं। सदियों से ऐसी परंपरा चली आ रही है कि होने वाले वर-वधु इसी उंगली में अंगूठी पहनें। लेकिन ऐसा क्यों? आज हम आपको बताते हैं।

इस परंपरा की शुरुआत रोमन एरा में हुई थी और एक रोमन कपल ने इसकी शुरुआत की थी। इसके पीछे ये तर्क है कि इस उंगली की नसें सीधे दिल से जुड़ी होती हैं। तभी इसे 'vena amoris' और vein of love भी कहा जाता है। बस,तभी से इंडिया हो या कोई पश्चिमी देश,कपल्स इसी उंगली में रिंग पहनने लगे और इस उंगली का नाम ही रिंग फिंगर पड़ गया।

आपमें से कई लोगों के मन में ये ख्याल जरूर आता होगा कि सगाई की अंगूठी एक खास उंगली में ही क्यों पहनी जाती है। आइए जानें इसके कारणों के बारे में।   

Engagement Ring In Left Hand Fourth Finger: शादी हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें अलग -अलग रस्में निभाई जाती हैं। शादी में मुख्य रूप से रस्मों की शुरुआत सगाई से होती है और विदाई से पगफेरों तक सभी रीति रिवाजों के साथ धूमधाम से शादी हो जाती है। अगर शादी की सभी रस्मों को बात करें तो सगाई सबसे ख़ास होती है क्योंकि इसी से मुख्य रूप से शादी समारोह की शुरुआत हो जाती है। सगाई की रस्म शादी से पहले होती है जिसमें लड़का और लड़की एक दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं।

आपमें से कई लोगों के दिमाग में ये ख्याल जरूर आता होगा कि लड़कियों को सगाई की अंगूठी बाएं हाथ की अनामिका उंगली में ही क्यों पहननी चाहिए। हमने इस बात का पता लगाने के लिए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ.आरती दहिया जी से बात की, उन्होंने हमें इसके तथ्यों से अवगत कराया जो आपको भी जान लेने चाहिए। 

सदियों से चली आ रही है अंगूठी पहनाने की रस्म 

ring finger ritual

सगाई में लड़का और लड़की एक-दूसरे को अंगूठी पहनते हैं जिसमें लड़कियों के बाएं हाथ की अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाई जाती है। सदियों से ऐसी परंपरा चली आ रही है कि होने वाले वर-वधु इसी उंगली में एक दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं। अगर शास्त्रों की बात करें तो इस रस्म का कहीं भी जिक्र नहीं मिलता है और न ही भारत में ऐसी कोई परंपरा थी। दरअसल अनामिका उंगली में सगाई की अंगूठी पहनने की रस्म की शुरुआत रोम एवं ग्रीस से हुई। हालांकि अमेरिका जैसे बड़े देशों में भी इसका प्रचलन है। इसके पीछे क्या वजह है इसका कोई ठोस आधार नहीं दिखता है, लेकिन फिर भी अनामिका उंगली में ही अंगूठी पहनाने का प्रचलन है आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण हैं। 

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प्रेम एवं विश्वास का प्रतीक 

आरती दहिया जी बताती हैं कि अनामिका उंगली का संबंध जीवन के क्षेत्रों जैसे प्रसिद्धि, उत्तेजना, दिखावा जैसी भावनाओं से है। कहते हैं कि लड़कियों के बाएं हाथ की अनामिका उंगली  का वैवाहिक जीवन में खास महत्व है। यह पति-पत्नी के बीच विश्वास एवं निष्ठा को दर्शाती है। अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाकर हम एक दूसरे के साथ रिश्ते को और मजबूत करते हैं। साथ ही, एक दूसरे के प्रति निष्ठावान एवं कमिटेड रहने का वादा करते हैं। लड़की को अंगूठी पहनाकर लड़का अपनी पत्नी एवं परिवार की जिम्मेदारी को निभाने की क्षमता को व्यक्त करता है। इस उंगली (उंगलियों का आकार बता सकता है आपकी पर्सनैलिटी) में अंगूठी पहनाने से एक दूसरे के प्रति आत्मसमर्पण की भावना जागृत होती है। यह उंगली प्यार एवं एक दूसरे के साथ ज़िन्दगी बिताने के विश्वास को भी दिखाती है।

अनामिका उंगली में अंगूठी पहनने के वैज्ञानिक कारण

ring in fourth finger

अनामिका उंगली में कोई भी धातु पहनने का एक कारण यह भी है कि इससे शरीर का सिस्टम स्थिर होता है। सोने की अंगूठी पहनने से उसकी रगड़ से महिलाओं के दिल पर अच्छा असर होता है और यह जीवन में जोश और उत्साह लाती है।

दिल से गहरा संबंध 

कहा जाता है कि अनामिका उंगली की नस का सीधा संबंध हमारे दिल से होता है। इसलिए इस उंगली में अंगूठी पहनकर भावी-पति पत्नी एक दूसरे के साथ दिल से जुड़ जाते हैं।

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अलग जगहों पर अंगूठी पहनाने के अलग कारण 

reason behing ring figer

  • अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाने की परंपरा रोम से ही शुरू हुई थी। रोम में यह मान्यता है कि इस उंगली की नस दिल से हो कर गुजरती है। इसलिए अंगूठी इसी उंगली में पहनाई जाती है। 
  • चीन में यह माना जाता है कि हमारे हाथ की हर उंगली एक संबंध को दर्शाती है। जिसमे हमारे हाथ की चौथी उंगली यानी अनामिका उंगली, पार्टनर के लिए होती है। जबकि अंगूठा माता-पिता के लिए, तर्जनी उंगली भाई बहनों के लिए, मध्यमा खुद के लिए और कनिष्ठा बच्चों के लिए होती है। ऐसा माना जाता है कि हाथ की पांचो उंगलियों का अपना कर्तव्य होता है। ये जीवन के किसी न किसी महत्वपूर्ण भाग से जुड़ी होती हैं। 
  • इसके लिए चीन के लोगों ने एक प्रयोग भी किया था और पाया कि जब हम दोनों हाथों को जोड़ते हैं तो अंगूठे को लेकर बाकी सभी उंगलियां अलग हो जाती हैं जबकि अनामिका उंगली अलग नहीं हो पाती हैं। इसका मतलब होता है कि पति-पत्नी का संबंध जीवन भर का होता है और आपका जीवन साथी हर सुख दुःख में आपके साथ रहेगा।  

इस तरह आप ये मान सकते हैं कि अनामिका उंगली में सगाई की अंगूठी पहनना अच्छा होता है। हालांकि इस बात का कोई ज्योतिषीय प्रमाण नहीं है लेकिन सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार इसे रिश्तों में मधुरता लाने के लिए अपनाया जा सकता है। 

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Image Credit: freepik.com and pixabay 

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सगाई की अंगूठी कौन से हाथ में पहनते हैं?

भारत में, पुरुष अपने दाहिने हाथ पर इस अंगूठी को पहन सकते हैं जबकि महिलाएं बाएं हाथ पर पहनती हैं।

क्या लड़के दाहिने हाथ में सगाई की अंगूठी पहनते हैं?

कई पुरुष अपनी सगाई की अंगूठी दाहिने हाथ की अनामिका पर पहनना पसंद करते हैं । दूसरे लोग इसे एक साधारण चेन से पिरोए गए हार के रूप में पहनना भी चुन सकते हैं। हालाँकि आप इसे पहनना चाह सकते हैं, आम सहमति यह है कि कोई नियम नहीं हैं - आप जितना चाहें पारंपरिक या अद्वितीय हो सकते हैं।

लड़कियां बाएं हाथ में अंगूठी क्यों पहनती हैं?

उस समय, रोमनों का मानना ​​था कि बाएं हाथ की चौथी उंगली से सीधे हृदय तक एक नस जाती है । इस नस को वेना एमोरिस कहा जाता था, जो इस विश्वास के कारण 'प्यार की नस' का अनुवाद करता है कि हृदय हमारी भावनाओं का केंद्र है।

औरत अपनी शादी की अंगूठी कहां लगाती है?

अनामिका हाथ की चौथी उंगली है, और अधिकांश दुल्हनें अपनी सगाई और शादी के बंधन बाएं हाथ की उस उंगली पर पहनती हैं। हालाँकि, यह सभी संस्कृतियों और देशों में समान नहीं है। यूरोप के कुछ हिस्सों में, महिलाएं अपनी शादी के गहने दाहिने हाथ की अनामिका के बजाय पहनती हैं।