हार के आगे जीत है साथी हार से मत घबड़ाना, हार जीत शीर्षक कविता कवि कौन है?प्रस्तुत पंक्तियाँ हार-जीत शीर्षक गदय कविता से ली गई है जिसके रचनाकार अशोक वाजपेयी है।
हार जीत कविता का केंद्रीय भाव क्या है?इसमें कवि कहते हैं कि, नागरिकों पता नहीं है कि, किस युद्ध में उनकी सेना और शासक (राजा) गए थे और युद्ध किस बात पर था। वो यह भी नहीं कि शत्रु कौन था। उन्हे बस इतना बताया गया है, इतना पाता है की, उनकी सेना और रथ विजय प्राप्त कर लौट रहे हैं। जिसका वे उत्सव यानि विजयपर्व मना रहे हैं और उसकी तैयारी मे व्यस्त है।
हार जीत शीर्षक कविता में मसकावाला क्या कर रहा है?Solution : बूढ़ा मशकवाला देश कि राजनीती से वंचित है। अगर उसे जिम्मेवारी मिली होती तो हार को हार कहता जित नहीं कहता। वह सत्य प्रकट करता। उसे तो मात्र सड़क सींचने का काम सौंपा गया है।
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